मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने आज एक वर्ष पूरा किया। इस अवधि में प्रदेश सरकार ने दिसम्बर 2018 में प्रदेश विधानसभा के निर्वाचन के पूर्व जारी वचन-पत्र के बिन्दुओं को पूरी शिद्दत से अमली जामा पहनाया। पिछले एक वर्ष की अवधि के पूरे 365 दिनों में सरकार को प्रतिदिन एक वचन की पूर्ति/सतत पूर्ति करने में सफलता मिली। इस अवधि में 164 वचन पर पूर्ण रूप से और 201 वचन पर सतत् पूर्ति की श्रेणी में काम हुआ।
इस प्रकार सरकार की कथनी और करनी में भेद नहीं रहा। उसने जो कहा सो किया। निर्वाचन के पूर्व जनता को दिये गये वचनों की पूर्ति की दृष्टि से पिछला एक वर्ष उल्लेखनीय रहा। इस अवधि में खासतौर से किसान-कल्याण और कृषि विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला, युवा, नगरीय विकास और ग्रामीण विकास से संबंधित वचनों की पूर्ति विशेष रही।
किसान-कल्याण के क्षेत्र में राज्य सरकार ने कार्यभार सम्हालने के पहले ही दिन किसानों की ऋण माफी का फैसला लिया। इस फैसले के अनुरूप प्रथम चरण में 20 लाख 22 हजार 731 ऋण खातों पर 7,154.36 करोड़ की राशि की माफी की जा चुकी है। कर्ज माफी का दूसरा चरण आज से प्रारम्भ हो रहा है, जिसमें कुल 12 लाख से अधिक ऋण खातों पर राशि रूपये 11 हजार 675 करोड़ से अधिक की माफी की जायेगी।
सरकार ने गेहूँ के विपुल उत्पादन की स्थिति में मूल्य स्थिरीकरण के उद्देश्य से जय किसान समृद्धि योजना भी लागू की। मक्का में फ्लैट भावांतर भुगतान योजना में 896 करोड़ रूपये का प्रावधान किया। जैविक खेती का रकबा बढ़ाने के लिये 3828 क्लस्टर/ समूह में जैविक खेती का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सभी मंडियों में ई-अनुज्ञा (ऑनलाइन) प्रणाली लागू की गई। पहली बार किसानों को अनुदान पर कन्बाइन हार्वेस्टर प्रदान किये गये । नये 264 कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जा रही है। उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण को भी प्रोत्साहन इस अवधि में दिया। नयी मुख्यमंत्री बागवानी और खाद्य प्र-संस्करण योजना लागू की गई। सब्जी और मसाला विस्तार योजना में अजजा और अजा वर्ग के किसानों की अनुदान राशि 50 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत की गई। शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिये भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति बनाई जा रही है।
सरकार ने अगले पाँच वर्ष में वर्तमान सिंचाई क्षमता को 33 लाख से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य निर्धारित कर काम शुरू कर दिया है। पुरानी अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को तेजी से पूरा करने के साथ नयी सिंचाई योजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रदेश को आवंटित 18.25 एमएएफ नर्मदा जल का उपयोग वर्ष 2024 के पूर्व किये जाने संबंधी योजनाओं पर तेजी से कार्य किया गया।
इस दौरान नगरीय विकास की योजनाओं को जन-अनुरूप बनाकर जन-भागीदारी से प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। प्रचलित योजनाओं को सुव्यवस्थित कर उत्तरदायी नगरीय प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में परिणाममूलक कोशिशें निरंतर जारी हैं। पिछले एक वर्ष में रूकी या अधूरी पड़ी हुई पेयजल, सीवरेज, मेट्रो आदि परियोजनाओं को समय-सीमा में पूरा करना सुनिश्चित किया गया है। पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था निर्मित करने की दिशा में नई योजनाएँ शुरू की गई। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शहरी गरीबों को पट्टा एवं पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सितम्बर माह में 'मुख्यमंत्री आवास मिशन (शहरी)' का शुभारम्भ झाबुआ से किया। भूमिहीन परिवारों को पट्टा उपलब्ध कराया जा रहा है। निकायों में क्लस्टर की जगह विकेन्द्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य-योजना लागू की गई।